भारत में 100% FDI पास करवाने के लिए वालमार्ट ने अमेरिकी सीनेट को ४० हजार करोड़ डॉलर की घुस दी है ....
भारत में 100% FDI पास करवाने के लिए वालमार्ट और अमेरिकी रिटेल कंपनियों ने अमेरिकी सीनेट को ४० हजार करोड़ डॉलर की घुस दी है ....
इसलिए कोंग्रेस इस कदम से पीछे हट नहीं रही है मनमोहन अपने इस निर्णय से टस से मस नहीं हो रहे है .... उसकी सहयोगी पार्टियाँ तृणमूल कोंग्रेस और DMK भी इस निर्णय पर सरकार के... साथ नहीं है परन्तु कोंग्रेस अपने निर्णय पर अभी भी कायम है ... एडवांस पैसे ले लिए होंगे अब क्या करे गले की हड्डी बन गया है यह बिल ....
अच्छा हुआ इनकी ही नीतियों से इन लुटेरो की असलियत सामने आ गई की इनकी नियत क्या है पूरा देश इनकी नीतियों का विरोध कर रहा है इसका मतलब की इन लोगो की नियत में जबरदस्त खोट थी सोचो अगर इसके खिलाफ आन्दोलन नहीं हो तो ... ?
ऐसे ही इस कोंग्रेस ने इस देश की लुटिया डुबोई है ...
अब मीडिया की चाल भी काम नहीं चल रही है पहले मीडिया FDI के पक्ष में खूब प्रचार कर रही थी लेकिन जैसे ही देश के १५ मुख्यमंत्रियों ने इसका जबरदस्त विरोध किया तो इनकी चाल में असाधारण परिवर्तन आ गया यहाँ तक की बाजारवाद के समर्थक और विदेशी कंपनियों के विज्ञापन की हड्डियों के लिए लालायित टाइम्स ऑफ़ इंडिया नाम के कोंग्रेसी समाचार पत्र ने को भी FDI के पक्ष में अपना अभियान ठन्डे बसते में डालना पड़ा TRP गिरती वो अलग और जनता जूते सुंघाती सो अलग ....See More
भारत में 100% FDI पास करवाने के लिए वालमार्ट और अमेरिकी रिटेल कंपनियों ने अमेरिकी सीनेट को ४० हजार करोड़ डॉलर की घुस दी है ....
इसलिए कोंग्रेस इस कदम से पीछे हट नहीं रही है मनमोहन अपने इस निर्णय से टस से मस नहीं हो रहे है .... उसकी सहयोगी पार्टियाँ तृणमूल कोंग्रेस और DMK भी इस निर्णय पर सरकार के... साथ नहीं है परन्तु कोंग्रेस अपने निर्णय पर अभी भी कायम है ... एडवांस पैसे ले लिए होंगे अब क्या करे गले की हड्डी बन गया है यह बिल ....
अच्छा हुआ इनकी ही नीतियों से इन लुटेरो की असलियत सामने आ गई की इनकी नियत क्या है पूरा देश इनकी नीतियों का विरोध कर रहा है इसका मतलब की इन लोगो की नियत में जबरदस्त खोट थी सोचो अगर इसके खिलाफ आन्दोलन नहीं हो तो ... ?
ऐसे ही इस कोंग्रेस ने इस देश की लुटिया डुबोई है ...
अब मीडिया की चाल भी काम नहीं चल रही है पहले मीडिया FDI के पक्ष में खूब प्रचार कर रही थी लेकिन जैसे ही देश के १५ मुख्यमंत्रियों ने इसका जबरदस्त विरोध किया तो इनकी चाल में असाधारण परिवर्तन आ गया यहाँ तक की बाजारवाद के समर्थक और विदेशी कंपनियों के विज्ञापन की हड्डियों के लिए लालायित टाइम्स ऑफ़ इंडिया नाम के कोंग्रेसी समाचार पत्र ने को भी FDI के पक्ष में अपना अभियान ठन्डे बसते में डालना पड़ा TRP गिरती वो अलग और जनता जूते सुंघाती सो अलग ....See More
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