सुहाने सपने लिए अकेला राही
गोपाल शर्मा
3 सालों में राजस्थान को अकाल के दुर्दिनों का सामना नहीं करना पड़ा..हम किसी विभीषिका से बचे रहे..राजनीतिक स्थिरता बनी रही..विश्वव्यापी मंदी का असर है लेकिन राजस्थान उसमें डूबा नहीं..मुफ्त दवाएं, सस्ता आवास और अनाज जैसी योजनाओं के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हार्दिक बधाई! भारतीय जनता पार्टी द्वारा उनके परिवार पर लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का जवाब देने में वे सफल रहे..व्यक्तिगत रूप से उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे राजस्थान का सम्मान घटा हो और हम लोगों को नजरें नीची करनी पड़ी हों। गहलोत सरकार सुहाने सपने भरी विभिन्न योजनाएं लिए रेगिस्तानी धोरों की पटरियों से गुजर रही है।
मंत्रिपरिषद अक्षम है। गृह-वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभालने के लिए सक्षम विधायक नहीं हैं। वरिष्ठ मंत्री अनैतिक संबंध और अपहरण के आरोप में गिरफ्तार हैं; एक विधायक की तलाश चल रही है। भंवरी की लपट एक केंद्रीय केबिनेट मंत्री तक पहुंच रही है। एक मंत्री को संदिग्ध मौत सहित विभिन्न आरोपों के चलते हटाना पड़ा; लेकिन निल्र्लज्जता यह कि उनके खिलाफ सरकार ने कोई जांच नहीं बैठाई। गोपालगढ़ में तनावपूर्ण हालात की सूचना मिलने पर कार्यवाही नहीं की गई; और, हालात जब बिगड़ गए तो गोलियां चलानी पड़ी.. लाशें बिछा दी गईं। यह वैसी ही घटना है जैसे कि भंवरी की सीडी की जानकारी होने के बावजूद सरकार ने शीर्ष स्तर पर सौदेबाजी की कोशिश करवाई; और, आखिरकर भंवरी मार डाली गई। राजस्थान के हालात क्या होंगे..राजधानी जयपुर में कानून-व्यवस्था जितनी बिगड़ चुकी है वैसी खराब हालत इससे पहले कभी नहीं रही। एक-एक कर सामने आ रहे घोटाले और ठगी एम्फोर्ट कांड उठाने वाले अशोक गहलोत से सवाल पूछ रहे हैं। राजस्थान के विकास का पहिया थम गया है। एक भ्रष्ट सरकार का विकल्प जड़ सरकार के रूप में सामने आया है। जैसे सामंती तौर-तरीकों वाली महारानी का स्थान एक पूर्वाग्रह ग्रस्त-अहंकारी हो रहे राजनेता ने ले लिया है।
आज तीन वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर रही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने खासकर इस वर्ष मुफ्त दवा योजना, लोक सेवा गारंटी कानून, गरीबों के लिए आवास योजना जैसी उपलब्धियां हासिल की लेकिन गोपालगढ़ फायरिंग, भंवरी देवी सीडी कांड और राजनीतिक ऊहापोह के बीच आरोपी मंत्रियों की विदाई जैसे घटनाक्रमों के दाग के पीछे ये महत्वपूर्ण उपलब्धियां छुप गई हैं। न्यायपालिका की तल्ख टिप्पणियों ने इन्हें और गहरा बनाया है। दो रुपए किलो अनाज और मेट्रो ट्रेन जैसी योजनाओं की शुरुआत के साथ आगे बढ़ी सरकार के लिए विगत पांच माह में हुए घटनाक्रम तीन वर्ष पर भारी पड़ गए हैं। गोपालगढ़ फायरिंग मुद्दे पर पूरी सरकार हिल गई। मुख्यमंत्री परिवर्तन की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के गुपचुप गोपालगढ़ दौरे ने इसे और हवा दी। सरकार को पहली बार प्रशासनिक तंत्र की विफलता स्वीकार करनी पड़ी। एएनएम भंवरी देवी अपहरण और भीलवाड़ा डेयरी चेयरमैन की पत्नी पारस देवी की संदिग्ध मौत के मामले को लेकर दो मंत्रियों महिपाल मदेरणा और रामलाल जाट की मंत्री पद से विदाई हो गई। तीन अन्य मंत्रियों भंवरलाल मेघवाल, प्रमोद जैन और भरोसीलाल जाटव को भी आरोपों से घिरने के कारण हटाना पड़ा।
इन सभी विवादास्पद घटनाक्रमों के बीच सरकार ने मुफ्त दवा योजना शुरू कर महंगे इलाज को तरसते आम लोगों को राहत दी। लोक सेवा गारंटी कानून लागू कर सरकारी कार्यालयों में निश्चित अवधि में काम होना सुनिश्चित किया। गरीबों को नि:शुल्क आवास उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना शुरू की गई।
सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल के बारे में आम लोगों में चर्चा है कि सरकार ने गरीबों को राहत देने के लिए कई तरह की योजनाएं तो बनाई है लेकिन कुछ की क्रियान्विति बेहतर तरीके से नहीं हो पाई और कुछ विवादास्पद घटनाओं के कारण अधिक चर्चित नहीं हो सकी। योजनाओं के बावजूद सरकार की छवि को लेकर लोगों में नकारात्मकता देखी जा रही है।
कांग्रेस जहां सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल को उपलब्धियों भरा बता रही है, वहीं भाजपा इन विवादास्पद घटनाक्रमों को लेकर सरकार को नकारा बता रही है।
मीडिया की परवाह मत करो..गहलोत
सरकार की उपलब्धियों का प्रचार करने आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान मीडिया पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मीडिया उनको लेकर बेवजह दुष्प्रचार कर रहा है। उनके बारे में लिखा जा रहा है कि वे कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी से मुलाकात नहीं कर पा रहे हैं। गहलोत ने इस पर कहा कि वे 35 वर्ष से राजनीति कर रहे हैं। उनके नेता का उन पर इतना भरोसा है कि वे जब चाहें उनसे मुलाकात कर सकते हैं। वे तीन बार प्रदेश अध्यक्ष, दो बार मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि सरकार अच्छा कर रही है, कई जनकल्याणकारी योजनाएं बनाई जा रही हैं। वे मीडिया की आलोचनाओं को सकारात्मक रूप से लेते हैं। कार्यकर्ता योजनाओं का प्रचार करें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे मीडिया की परवाह नहीं करें। सरकार अच्छा कार्य करेगी तो जनता उसको सराहेगी।
डॉ. चंद्रभान और कुतिया
सरकार की तीन वर्ष की उपलब्धियों को जनता के बीच ले जाने के लिए कार्यकर्ताओं को प्र्रेरित कर रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान ने गहलोत सरकार को कुतिया की संज्ञा दे डाली। उन्होंने कार्यकर्ताओं को अपने संबोधन में एक मारवाड़ी कहावत को दोहराते हुए कहा, ‘कुतिया तो भुस.. भुस.. कर मर गई और धणी को दाय ही नहीं आई।Ó चंद्रभान की इस टिप्पणी के बाद इस बात की चर्चा गर्म हो गई कि आखिर उन्होंने कुतिया शब्द किसके लिए कहे? क्योंकि वर्तमान हालातों में यह कहावत सरकार पर सटीक बैठ रही है। हालांकि बाद में चद्रभान ने पत्रकारों के पूछने पर बात को संभालते हुए स्पष्ट किया कि सरकार ने राज्य में कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं लेकिन प्रचार प्रसार नहीं होने के कारण उनका लाभ आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है इसलिए कार्यकर्ताओं को चाहिए कि वे सरकार की विभिन्न योजनाओं का प्रचार प्रसार अपने क्षेत्रों में करें और लोगों को इनका लाभ दिलवाएं तभी जनता को पता लगेगा कि सरकार उनके लिए कितना काम कर रही है।
गोपाल शर्मा
3 सालों में राजस्थान को अकाल के दुर्दिनों का सामना नहीं करना पड़ा..हम किसी विभीषिका से बचे रहे..राजनीतिक स्थिरता बनी रही..विश्वव्यापी मंदी का असर है लेकिन राजस्थान उसमें डूबा नहीं..मुफ्त दवाएं, सस्ता आवास और अनाज जैसी योजनाओं के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हार्दिक बधाई! भारतीय जनता पार्टी द्वारा उनके परिवार पर लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का जवाब देने में वे सफल रहे..व्यक्तिगत रूप से उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे राजस्थान का सम्मान घटा हो और हम लोगों को नजरें नीची करनी पड़ी हों। गहलोत सरकार सुहाने सपने भरी विभिन्न योजनाएं लिए रेगिस्तानी धोरों की पटरियों से गुजर रही है।
मंत्रिपरिषद अक्षम है। गृह-वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभालने के लिए सक्षम विधायक नहीं हैं। वरिष्ठ मंत्री अनैतिक संबंध और अपहरण के आरोप में गिरफ्तार हैं; एक विधायक की तलाश चल रही है। भंवरी की लपट एक केंद्रीय केबिनेट मंत्री तक पहुंच रही है। एक मंत्री को संदिग्ध मौत सहित विभिन्न आरोपों के चलते हटाना पड़ा; लेकिन निल्र्लज्जता यह कि उनके खिलाफ सरकार ने कोई जांच नहीं बैठाई। गोपालगढ़ में तनावपूर्ण हालात की सूचना मिलने पर कार्यवाही नहीं की गई; और, हालात जब बिगड़ गए तो गोलियां चलानी पड़ी.. लाशें बिछा दी गईं। यह वैसी ही घटना है जैसे कि भंवरी की सीडी की जानकारी होने के बावजूद सरकार ने शीर्ष स्तर पर सौदेबाजी की कोशिश करवाई; और, आखिरकर भंवरी मार डाली गई। राजस्थान के हालात क्या होंगे..राजधानी जयपुर में कानून-व्यवस्था जितनी बिगड़ चुकी है वैसी खराब हालत इससे पहले कभी नहीं रही। एक-एक कर सामने आ रहे घोटाले और ठगी एम्फोर्ट कांड उठाने वाले अशोक गहलोत से सवाल पूछ रहे हैं। राजस्थान के विकास का पहिया थम गया है। एक भ्रष्ट सरकार का विकल्प जड़ सरकार के रूप में सामने आया है। जैसे सामंती तौर-तरीकों वाली महारानी का स्थान एक पूर्वाग्रह ग्रस्त-अहंकारी हो रहे राजनेता ने ले लिया है।
आज तीन वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर रही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने खासकर इस वर्ष मुफ्त दवा योजना, लोक सेवा गारंटी कानून, गरीबों के लिए आवास योजना जैसी उपलब्धियां हासिल की लेकिन गोपालगढ़ फायरिंग, भंवरी देवी सीडी कांड और राजनीतिक ऊहापोह के बीच आरोपी मंत्रियों की विदाई जैसे घटनाक्रमों के दाग के पीछे ये महत्वपूर्ण उपलब्धियां छुप गई हैं। न्यायपालिका की तल्ख टिप्पणियों ने इन्हें और गहरा बनाया है। दो रुपए किलो अनाज और मेट्रो ट्रेन जैसी योजनाओं की शुरुआत के साथ आगे बढ़ी सरकार के लिए विगत पांच माह में हुए घटनाक्रम तीन वर्ष पर भारी पड़ गए हैं। गोपालगढ़ फायरिंग मुद्दे पर पूरी सरकार हिल गई। मुख्यमंत्री परिवर्तन की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के गुपचुप गोपालगढ़ दौरे ने इसे और हवा दी। सरकार को पहली बार प्रशासनिक तंत्र की विफलता स्वीकार करनी पड़ी। एएनएम भंवरी देवी अपहरण और भीलवाड़ा डेयरी चेयरमैन की पत्नी पारस देवी की संदिग्ध मौत के मामले को लेकर दो मंत्रियों महिपाल मदेरणा और रामलाल जाट की मंत्री पद से विदाई हो गई। तीन अन्य मंत्रियों भंवरलाल मेघवाल, प्रमोद जैन और भरोसीलाल जाटव को भी आरोपों से घिरने के कारण हटाना पड़ा।
इन सभी विवादास्पद घटनाक्रमों के बीच सरकार ने मुफ्त दवा योजना शुरू कर महंगे इलाज को तरसते आम लोगों को राहत दी। लोक सेवा गारंटी कानून लागू कर सरकारी कार्यालयों में निश्चित अवधि में काम होना सुनिश्चित किया। गरीबों को नि:शुल्क आवास उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना शुरू की गई।
सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल के बारे में आम लोगों में चर्चा है कि सरकार ने गरीबों को राहत देने के लिए कई तरह की योजनाएं तो बनाई है लेकिन कुछ की क्रियान्विति बेहतर तरीके से नहीं हो पाई और कुछ विवादास्पद घटनाओं के कारण अधिक चर्चित नहीं हो सकी। योजनाओं के बावजूद सरकार की छवि को लेकर लोगों में नकारात्मकता देखी जा रही है।
कांग्रेस जहां सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल को उपलब्धियों भरा बता रही है, वहीं भाजपा इन विवादास्पद घटनाक्रमों को लेकर सरकार को नकारा बता रही है।
मीडिया की परवाह मत करो..गहलोत
सरकार की उपलब्धियों का प्रचार करने आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान मीडिया पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मीडिया उनको लेकर बेवजह दुष्प्रचार कर रहा है। उनके बारे में लिखा जा रहा है कि वे कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी से मुलाकात नहीं कर पा रहे हैं। गहलोत ने इस पर कहा कि वे 35 वर्ष से राजनीति कर रहे हैं। उनके नेता का उन पर इतना भरोसा है कि वे जब चाहें उनसे मुलाकात कर सकते हैं। वे तीन बार प्रदेश अध्यक्ष, दो बार मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि सरकार अच्छा कर रही है, कई जनकल्याणकारी योजनाएं बनाई जा रही हैं। वे मीडिया की आलोचनाओं को सकारात्मक रूप से लेते हैं। कार्यकर्ता योजनाओं का प्रचार करें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे मीडिया की परवाह नहीं करें। सरकार अच्छा कार्य करेगी तो जनता उसको सराहेगी।
डॉ. चंद्रभान और कुतिया
सरकार की तीन वर्ष की उपलब्धियों को जनता के बीच ले जाने के लिए कार्यकर्ताओं को प्र्रेरित कर रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान ने गहलोत सरकार को कुतिया की संज्ञा दे डाली। उन्होंने कार्यकर्ताओं को अपने संबोधन में एक मारवाड़ी कहावत को दोहराते हुए कहा, ‘कुतिया तो भुस.. भुस.. कर मर गई और धणी को दाय ही नहीं आई।Ó चंद्रभान की इस टिप्पणी के बाद इस बात की चर्चा गर्म हो गई कि आखिर उन्होंने कुतिया शब्द किसके लिए कहे? क्योंकि वर्तमान हालातों में यह कहावत सरकार पर सटीक बैठ रही है। हालांकि बाद में चद्रभान ने पत्रकारों के पूछने पर बात को संभालते हुए स्पष्ट किया कि सरकार ने राज्य में कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं लेकिन प्रचार प्रसार नहीं होने के कारण उनका लाभ आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है इसलिए कार्यकर्ताओं को चाहिए कि वे सरकार की विभिन्न योजनाओं का प्रचार प्रसार अपने क्षेत्रों में करें और लोगों को इनका लाभ दिलवाएं तभी जनता को पता लगेगा कि सरकार उनके लिए कितना काम कर रही है।
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