Akhiil Bhartiya Yuva Sakti Sanghatan

हुए पैदा तो धरती पर हुआ आबाद हंगामा
जवानी को हमारी कर गया बर्बाद हंगामा
हमारे भाल पर तकदीर ने ये लिख दिया जैसे
हमारे सामने है और हमारे बाद हंगामा

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए

Sunday, 26 February 2012

अरविन्द के इस बयां से मीडिया और राजनेता दोनों असहमत हैं ,| हों भी क्यूँ नहीं , राजनेताओं को तो मौका मिल गया लोकतंत्र को बचाने का और मीडिया तो इन राजनेताओं के जेब में ही है | हाँ , अगर ये बात किसी को सही लगी है तो वो है देश की आम जनता को ................
अरविन्द ने इस बात को जिन सन्दर्भों में कही है उसके मूल तत्त्व से देश की जनता सहमत होगी, पर इन राजनेताओं को उन सन्दर्भों से तो कुछ लेना देना है नहीं |
उन्हें तो वो हर मौका चाहिए जो देश की जन मानस की जायज मांग है , जो उनके लिए गले की हड्डी बनी है उसे झूठा और गलत साबित करें | इसके लिए वो लोकतांत्रिक
व्यवस्था पर हमला , या लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश इत्यादि का तोहमत लगा कर शोर मचाने में कोई कमी नहीं करनेवाले |
जब देश की संसद में चुनकर ऐसे लोग जायेंगे तो क्या हम ये बोल भी नहीं सकते की वहां हत्यारे और बलात्कारी लोग बैठे हैं | अगर आपको ये सुनने में
बुरा लगता है तो क्यों नहीं आप चुनाव सुधार के कानून बनाते तो ताकि संसद की मर्यादा कायम रहे | जनता के सामने चुनने के जो विकल्प होंगे वो तो
उनमे से ही लोगों को चुनेगी | ऐसे लोग चुनाव के लिए अपात्र घोषित हो जाएँ इसकी व्यवस्था भी तो आपको ही (सरकार) करनी है |
पर नहीं आप को तो वहां negativity चाहिए अगर वहां positive लोग पहुँचने लगे तो आप लोगों की मनमानी तो चलेगी नहीं | हर पार्टी को ऐसे लोग चाहिए जो अपने
विवेक से नहीं बल्कि पार्टी के व्हिप से चलें , अपने नेता की चाटुकारिता करें , उन्हें देश के लिए सेवक तो कतई नहीं चाहिए .....................
मैं तो सिर्फ ये जानना चाहता हूँ की सच कैसे झूट हो सकता है .............. अगर संसद में 100 से ज्यादा सांसद पर हत्या या बलात्कार या किसी और जुर्म का
इलज़ाम है तो इस बात को कहना गलत कैसे हो सकता है..........
हाँ , अगर ये बात गलत हो तो बेसक अरविन्द सजा के पात्र हैं , अगर ये सच है तो बेहद शर्मशार हैं हम सब ...............

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