Akhiil Bhartiya Yuva Sakti Sanghatan

हुए पैदा तो धरती पर हुआ आबाद हंगामा
जवानी को हमारी कर गया बर्बाद हंगामा
हमारे भाल पर तकदीर ने ये लिख दिया जैसे
हमारे सामने है और हमारे बाद हंगामा

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए

Wednesday, 7 December 2011

sahedon ki sahadat ka koi mol nahi hai........

राठधाना (हरियाणा) .‘मनमोहन सिंह जी अगर आपकी सरकार में अफजल गुरु को फांसी देने की हिम्मत नहीं है, यदि आपको जल्लाद नहीं मिल रहे तो आप यह काम मुझे सौंप दें।




...
मैं शहीद की पत्नी हूं, देश के खिलाफ आंख उठाने वाले को क्या सजा दी जाए, मुझे और मेरे परिवार को मालूम है।’ यह कहना है 2001 के संसद हमले में शहीद हुए कीर्ति चक्र विजेता नानकचंद की विधवा गंगादेवी का। गंगा ने कहा कि, ‘संसद के 13 नंबर गेट पर जहां मेरे पति शहीद हुए थे वहीं अफजल को फांसी दूंगी।

जब तक अफजल और कसाब जैसे आतंकियों को फांसी नहीं दी जाती, शहीदों की आत्मा तड़पती रहेगी।’ राठधाना गांव में अपने घर पर शहीद पति की प्रतिमा के सामने बैठी गंगादेवी ने कहा कि 13 दिसंबर 2001 का दिन देश के लिए शर्मनाक था। उन्होंने कहा, ‘मुझे गर्व है कि मेरे पति ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

मलाल भी है कि हमले के दस साल बाद भी अफजल और उसके सभी साथी सुरक्षित हैं।’ दो साल पहले गंगादेवी ने पति को मिला कीर्ति चक्र लौटा दिया था। उनका कहना था कि जब तक अफजल को फांसी नहीं दी जाएगी तब तक वे कोई सम्मान ग्रहण नहीं करेंगी।
See More

No comments:

Post a Comment