Akhiil Bhartiya Yuva Sakti Sanghatan

हुए पैदा तो धरती पर हुआ आबाद हंगामा
जवानी को हमारी कर गया बर्बाद हंगामा
हमारे भाल पर तकदीर ने ये लिख दिया जैसे
हमारे सामने है और हमारे बाद हंगामा

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए

Friday, 16 December 2011

16 दिसम्बर 1971

आज से ठीक 40 वर्ष पूर्व भारतीय सेना के अमर वीर जवानों ने एक नया इतिहास रचा था. विश्व के मानचित्र को बदला था.
3 दिसम्बर 1971 को पाकिस्तानी पिशाचों ने "आपरेशन चंगेज़ खाँ" के नाम से भारत पर आततायी आक्रमण किया था.
भारतीय सेना के वीर जवानों ने केवल 13 दिनों में ही उस आक्रमण के चीथड़े उड़ा दिए थे. कराची के बंदरगाह और लाहौर के सीने पर भारतीय जवानों की वीरता-शूरता के विलक्षण विजयोत्सव ने समस्त विश्व को अचम्भित कर दिया था और पाकिस्तानी पिशाचों को विश्व इतिहास की सर्वाधिक शर्मनाक पराजय का सामना करने के लिए विवश किया था. भारतीय रणबाकुरों ने उस पिशाच के ही एक अंग (पूर्वी पाकिस्तान) को काट कर बंगलादेश नाम से नए राष्ट्र का उदय करवाया था.
परिणामस्वरुप 16 दिसम्बर 1971 को तिरानबे हज़ार सशस्त्र पाकिस्तानी पिशाचों ने भारतीय सेना के समक्ष घुटने टेक कर प्राणों की भीख मांगी थी.
आज उस विजय दिवस की 40वीं वर्षगाँठ पर देश की सेना के उन वीर जवानों का कोटि कोटि वंदन, अभिनंदन, नमन..!!!

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